एक-एक पैसे के लिए बिलबिला रहा पाकिस्तान, पीएम शरीफ ने कहा- IMF कार्यक्रम लागू करना अब मजबूरी, सख्त शर्तें हैं लागू
Pakistan crisis 2022: अगर सरकार किसी क्षेत्र में सब्सिडी देना भी चाहती है तो इसके लिए उसे आईएमएफ से मदद लेनी होगी और तकलीफदेह होने के बावजूद सचाई यही है.
Pakistan crisis 2022: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Pakistan PM Shehbaz Sharif) ने कहा है कि नकदी संकट से जूझ रही देश की अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के कार्यक्रम को लागू करने के अलावा उनकी सरकार के पास कोई और विकल्प नहीं था. एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान (Pakistan news) ने शरीफ के हवाले से कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि अगर सरकार किसी क्षेत्र में सब्सिडी देना भी चाहती है तो इसके लिए उसे आईएमएफ से मदद लेनी होगी और तकलीफदेह होने के बावजूद सचाई यही है. भाषा की इस खबर के मुताबिक,शरीफ ने कहा कि उनकी सरकार कीमतों में बढ़ोतरी का भार जनता पर नहीं डालना चाहती थी लेकिन देश को आईएमएफ कार्यक्रम को लागू करना ही होगा क्योंकि उसके पास कोई और विकल्प नहीं है.
सख्त शर्तें हैं लागू, अमल करना बेहद कठिन
खबर के मुताबिक, पाकिस्तान ने ठप पड़े छह अरब डॉलर के आईएमएफ कार्यक्रम (IMF programme in Pakistan) को इस साल पुनजीर्वित किया. हालांकि, इसके लिए जो सख्त शर्तें हैं उनका पालन करने में उसे कठिनाई आ रही है. ऐसी खबरें हैं कि आईएमएफ तबतक इस कार्यक्रम के तहत और राशि जारी नहीं करेगा जबतक कि सरकार ने जो वादे किए हैं उन्हें वह पूरा नहीं कर लेती.पांच महीनों से पाकिस्तान में मुद्रास्फीति की दर 25 प्रतिशत के करीब है. सरकार का खजाना लगभग खाली है.
शर्तें पूरी करने में और देरी पर आईएमएफ उठा सकता है कदम
आईएमएफ (IMF) ने साफ संकेत दिया है कि नया कर्ज पाने के लिए पाकिस्तान को तय शर्तों को पूरा करना होगा और इस मामले में शरीफ सरकार की नाकामी से आईएमएफ नाराज भी है. आईएमएफ ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर शर्तें पूरी करने में और देर हुई, तो कर्ज देने के अपने फैसले पर दोबारा भी विचार कर सकता है. पाकिस्तान (Pakistan) सरकार कई दुविधाओं में फंसी है. इतना ही नहीं. पाकिस्तान ने अब सरकारी कर्मचारियों के भत्तों, बोनस और स्टडी लीव पर भी रोक लगा दी है. लगातार बढ़ते आर्थिक बोझ के तले दबा पाकिस्तान बेहिसाब महंगाई का सामना कर रहा है. साथ ही इस साल आई भीषण बाढ़ से पाकिस्तान को 30 बिलियन डॉलर का भारी नुकसान हुआ है.
कर्ज के बोझ तले छटपटा रहा पाकिस्तान
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
पाकिस्तान (Pakistan news) का बाहरी कर्ज सितंबर 2022 तिमाही में 126.9 अरब अमेरिकी डॉलर पर जा पहुंचा है. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में पाकिस्तान का कुल ऋण और देनदारियों में इजाफा हुआ है. पाकिस्तानी रुपये के अवमूल्यन ने संख्या को काफी बढ़ा दिया. वित्तीय वर्ष 2022-2023 में, जुलाई-सितंबर में लोन और देनदारियां 62.46 ट्रिलियन रुपये (पाकिस्तानी रुपया) थीं, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 50.49 ट्रिलियन रुपये ज्यादा है. पाकिस्तान का कर्ज 24.7 फीसदी बढ़कर 59.37 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि कुल देनदारी 23 फीसदी बढ़कर 3.56 लाख करोड़ रुपये हो गई.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
04:52 PM IST